विवाहित जीवन में बाधा क्यों

 विवाहित जीवन में बाधा क्यों

सामान्यतः सभी के विवाहित जीवन में समय समय पर कुछ ना कुछ समस्याएं अवश्य आती ही रहती हैं इसलिए इसको एक सामान्य सी होने वाली नैसर्गिक प्रक्रिया मान सकते हैं या मानना भी चाहिए, लेकिन कभी कभी ये समस्याएं विकराल रूप धारण कर लेती हैं और फिर परिणाम की कल्पना आप अपने बौद्धिक स्तर के अनुसार कर सकते हैं जो जग जाहिर है कि क्या क्या होता है, आप कुछ भी कर लो इन समस्याओं को आप रोक नहीं सकते अर्थात चाहे आप ज्योतिष को मानो या ना मानो या कोई भो और कितना भी उपाय कर लो क्योंकि इसके एक नहीं अनेकों कारण होते हैं ------------------------ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से क्या कुछ कारण हो सकते हैं जब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं, इन्हीं पर हम प्रकाश डालने या समझने का एक ईमानदार प्रयास करते हैं (यह मात्र कुछ संभावनाएं हैं इसलिए इनको अंतिम फलादेश ना समझें या मानें) ------------------------ 1. लग्न कुंडली में सप्तमेष का सम्बन्ध यदि मंगल या सूर्य या शनि या राहु से हो तब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 2. लग्न कुंडली में सप्तमेष का सम्बन्ध यदि षष्टेष या अष्टमेष या द्वादशेष से हो तब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 3. लग्न कुंडली में सप्तम भाव में यदि मंगल या सूर्य या शनि या राहु हो तब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 4. लग्न कुंडली में सप्तम भाव में यदि षष्टेष या अष्टमेष या द्वादशेष हो तब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 5. लग्न कुंडली में सप्तमेष यदि षष्टम या अष्टम या द्वादश भाव में हो तब विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 6. लग्न कुंडली में सप्तम भाव में यदि सप्तमेश स्वयं हो तब भी विवाहित जीवन में समस्याएं आ सकती हैं 7. लग्न कुंडली में यदि लग्नेश की भी कुछ ऐसी ही स्थिति हो तब समस्या और भी गंभीर हो सकती है 8. घर का नकारात्मक वास्तु (Negativity) भी विवाहित जीवन में समस्याओं को बढ़ाने और उनको स्थायी रखने में अपनी अहम् भूमिका निभाता है लेकिन शायद ही कोई इस विषय में सोचता है अर्थात लगभग सभी लोग इसको नज़र अंदाज़ ही कर देते हैं, ध्यान रहे यह बहुत ही महत्वपूर्ण और दुखद पहलू भी है ------------------------ मेरा लम्बा ज्योतिषीय अनुभव यह कहता है कि उपरोक्त वर्णित ज्योतिषीय संभावनाओं से कोई भी बच नहीं सकता, शायद इसिलए समय समय पर सभी को विवाहित जीवन में कुछ ना कुछ समस्याएं आती ही रहती हैं, लेकिन जब कभी कई ज्योतिषीय संभावनाएं या ज्योतिषीय स्थितियां एक साथ हो जाती हैं या आ जाती है तब समस्या ज्यादा बड़ी हो जाती है ------------------------ ऐसे सभी विवाहित व्यक्तियों को मेरा व्यक्तिगत परामर्श है कि जीवन में जहाँ तक हो सके नकारात्मकता से दूरी बनाने का ईमानदारी से प्रयास करें और विशेषकर अपनी वाणी पर सदैव संयम रखें या प्रयास करें साथ ही "मेरे साथ ही ऐसा क्यों है" अर्थात नियति को भी जानने का प्रयास करें ना कि चमत्कार के चक्कर में पड़ कर अपना आर्थिक नुक्सान कर बैठें और वर्ष में एक बार किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से ही परामर्श अवश्य प्राप्त करें क्योंकि ग्रहों के गोचर की भी विवाहित जीवन में बहुत बड़ी भूमिका रहती है ---------------------- एक बार मैं पुनः यह स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि उपरोक्त वर्णित संभावनाओं या परिणामों को अंतिम फलादेश ना जानें या ना समझें अर्थात यह केवल कुछ संभावनाएं मात्र हैं, स्पष्ट फलादेश के लिए अपनी कुंडली को समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से ही दिखाकर परामर्श प्राप्त करें क्योंकि इस सम्बन्ध में और अधिक स्पष्टता एवं परिणाम प्राप्ति के लिए पूरी कुंडली के सभी शेष ग्रहों की स्थिति, दशा एवं अन्तर्दशा, वर्तमान ग्रह गोचर और जन्मकालीन योगों को भी देखना आवश्यक होता है ------------------------ आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने अभी तक के प्राप्त ज्योतिषीय ज्ञान, ज्योतिषीय शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है 🙏🌹🌹🙏 अग्रिम शुभकामनायें सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य
www.AstroShakti.in

Comments

Popular posts from this blog

सूर्य का कष्टकारी गोचर प्रत्येक वर्ष में

सरल वास्तु सुझाव