6-8-12 का जाल

 6-8-12 का जाल

मैं पिछले 10 साल से परेशान हूँ मेरा कोई काम नहीं हो पा रहा है

मैनें सारे उपाय कर लिए फिर भी कुछ लाभ नहीं मिला

मैनें लाखों रुपये फूंक दिए फिर भी कुछ नहीं हुआ

अब मेरा ज्योतिष और ज्योतिषी पर से विश्वास पूरी तरह से उठ गया है

ज्योतिषी के रूप में ऐसी बातें जातक से हमें अक्सर सुनने को मिलती ही हैं

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ज्योतिष के नजरिये से बात करें तो 6, 8, 12, भाव, कष्टकारी भाव के रूप में देखे जाते हैं और

पहली बात यह कि कुंडली के 6, 8, 12, भावों के भावेश की जब भी महादशा, अन्तर्दशा, प्रत्यंतर दशा होगी तब स्थितियां प्रतिकूल ही होंगीं

दूसरी बात 6, 8, 12, भावों में बैठे ग्रह की जब भी महादशा, अन्तर्दशा, प्रत्यंतर दशा होगी तब स्थितियां प्रतिकूल ही होंगीं

तीसरी बात गोचर में जब भी लग्न या लग्नेश 6, 8, 12, भाव या इनके भावेशों से पीड़ित होगा तब स्थितियां प्रतिकूल ही होंगीं

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यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि 6, 8, 12, भावों या इनके भावेशों से कोई भी कभी भी अछूता नहीं रहता है अर्थात जितने अधिक उपरोक्त वर्णित स्थितियां बनेंगीं उतने अधिक कष्ट की संभावना रहेगी

इसीलिए मैं इनको 6, 8, 12 का जाल बोलता हूँ अर्थात एक ऐसा जाल जिससे बाहर निकलना किसी के लिए भी लगभग असंभव है

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ऐसे में ज्योतिषी को चाहिए कि जातक के अंदर अधिक से अधिक सकारात्मकता पैदा करे और

जातक को चाहिए कि किसी भी हाल में अत्यधिक निराश ना हों एवं जीवन में चमत्कार की आशा को छोड़ अपने विचारों एवं कर्म पर नियमित रूप से चिंतन-मंथन करें और जीवन में अधिक से अधिक सकारात्मक वास्तु और ऊर्जा के साथ ही जीने का प्रयास करें और

भ्रम की अवस्था में जातक को चाहिए कि समय रहते किसी शिक्षित, ज्ञानी, अनुभवी एवं विश्वसनीय ज्योतिषी से ही परामर्श प्राप्त करें..!

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आज समाज में आत्मविश्वास बढ़े और अन्धविश्वास भागे इसी के सन्दर्भ में मैनें यह लेख अपने अभी तक के प्राप्त ज्योतिषीय ज्ञान, ज्योतिषीय शिक्षा, ज्योतिषीय अनुभव, सामाजिक अनुभव, एवं व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर लिखा है, लेकिन आप इसको किस रूप में लेते हैं यह पूर्णतया आपके बुद्धि एवं विवेक पर निर्भर करता है...!

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आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं

सुभाष वर्मा ज्योतिषाचार्य

www.AstroShakti.in 

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